Wednesday, July 21, 2010

3 Idiot

ये तीन थे। मगर इडियट्स नहीं थे। न ही किसी 70 एमएम की फिल्म के हीरो थे, जिनकी अदाकारी पर आप ताली बजाएं। ये तीनों देश के सर्वाधिक मेधावी छात्रों में से एक थे। अभी दो हफ़्ते पहले की बात है। इनमें से एक के. सुशील ने छात्रावास परिसर में आत्महत्या की कोशिश की। कृष्णमोहन ने इसी महीने 48 घंटों तक खुद को कमरे में बंद रखा। वहीं ज्ञानेंद्र के पास अपनी विधवा मां के सवालों के उत्तर में सिर्फ़ आंसू थे। देश के बड़े प्रौद्योगिकी संस्थानों में से एक भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान इलाहाबाद के इन होनहार छात्रों की इस हालत की वजह सिर्फ एक थी। इन दलित छात्रों ने संस्थान के निदेशक द्वारा संस्थान के ही एक विद्वान प्राध्यापक की मनमाने ढंग से असमय सेवा समाप्ति के आदेश को लेकर ई-मेल किए थे। इसका खामियाजा इन्हें विश्ववद्यालय से निलंबन के साथ बंधक बनकर चुकाना पड़ा।

No comments:

Post a Comment